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*मुकाम*

18 सितम्बर 2021

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हमारे प्यार के उस मुकाम पर
गुलशन ए कलियां खिलती है
इश्क भी कुछ इस कदर ज़ालिम है बरखुरदार
की दीवानगी भी गुलज़ार हो जाती है

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