1 अक्टूबर 2017
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कि ये तेरी मुस्कुराहट की, उषा भी मुस्कुराती है।जरा भी नाम आये वो, तो तेरी याद आती है।जुदाई में रुसबाई में भी तेरी याद आती है।सफर में भी, अकेले भी तुम्हारी याद आती है।
कि तुम्हारी ही मोहब्बत की कहानी का ही क़िस्सा हूँ।न यूँ तोड़ो तुम हमारा दिल तुम्हारा ही तो हिस्सा हूँ।तुम्हारी मन की सभी खबरों से अनजान है हमतुम्हे क्या मालूम है तुम्हारे लिए ही तो बदनाम है हम।