निगाहो की ज़ीद हे आँखो से आंसु गिरने की, दिल की ज़ीद हे आपसे रिश्ता निभाने की, आपको ज़ीद हे अगर हमे भूलने की तो, हमे भी ज़ीद हे आपको अपनी याद दिलाने की.
....विष्णु जी , लिखा तो आपने बहुत अच्छा है लेकिन आपने क्या मोबाइल के द्वारा लिखा है .... क्योंकि आपकी रचना मे शीर्षक मे ही सब कुछ लिखा है ... इसलिए लेख दुबारा लिकिए , ताकि हम लोग अच्छे से पढ़ सकें