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वो भीगी बरसात ओर जाड़े की सर्द रात,वो चाय की टपरी ओर तुम रहो मेरे साथभला इससे भी ज्यादा ओर क्या मांगू रब से,,जब हो कड़क चाय और मेरे हाथ मे तुम्हारा हाथ