सामान्य प्रसव के तीन चरण और सामान्य डिलीवरी में कितना समय लगता है :
1. सामान्य डिलीवरी का पहला चरण
सामान्य डिलीवरी के पहले चरण के तीन फेज़ निम्न हैं :
अर्लि या लेटेंट फेज़
पहली गर्भावस्था में लेटेंट फेज़ छह से दस घंटे तक रहता है। कुछ मामलों में यह अधिक लंबा या कम समय का भी हो सकता है। इस चरण में सर्विक्स (cervix) 3-4 सेंटीमीटर तक खुल सकता है। ये फेज़ प्रसव के हफ्ते भर पहले या फिर बच्चे के जन्म से कुछ घंटे पहले शुरू होता है। इस समय प्रेग्नेंट महिला को बीच-बीच में संकुचन का अनुभव हो सकता है।
एक्टिव फेज़
एक्टिव फेज़ में सर्विक्स 4-7 सेंटीमीटर तक खुलता है। सर्विक्स पर प्रेशर बढ़ने के कारण यह फेज़ आपको असहज कर सकता है। इस दौरान होने वाला दर्द पीरियड्स के दर्द या कमर के निचले हिस्से के दर्द की तरह महसूस हो सकता है। एक्टिव फेज में वॉटर बैग ब्रेक होने की संभावना भी होती है।
ट्रांज़िशन फेज़
इस फेज़ के दौरान सर्विक्स 8 सेंटीमीटर तक खुल चुका होता है। यह ओपनिंग तब तक जारी रहती है जब तक यह 10 सेंटीमीटर तक नहीं खुल जाती। इस फेज़ में आपको नियमित रूप से कम अंतराल पर निचले पेलविक एरिया में तेज़ दर्द हो सकता है।
2.सामान्य डिलीवरी का दूसरा चरण
सामान्य डिलीवरी के दूसरे चरण में सर्विक्स पूरी तरह से खुल जाता है और संकुचन भी काफ़ी बढ़ जाता है। यह स्टेज सबसे मुश्किल मगर कम समय का होता है। माँ के पुश करने पर बच्चा पेल्विक क्षेत्र और बर्थ कैनाल के माध्यम से बाहर आने का रास्ता ख़ुद बना लेता है। सबसे पहले बच्चे का सिर बाहर आता है इसके बाद बच्चे के बाकि के अंगों को पुश करना आसान हो जाता है।
3.सामान्य डिलीवरी का तीसरा चरण
शिशु के जन्म के ठीक बाद, तीसरे चरण में प्लेसेन्टा गर्भाशय से बाहर आ जाता है। इसे दी आफ्टर बर्थ भी कहा जाता है। बच्चे के जन्म के बाद प्लेसेन्टा यूटेरिन वॉल से अलग होने लगती है। प्लेसेन्टा के अलग होने पर और माँ के पुश करने के बाद यह गर्भाशय से बाहर निकल आता है। इस दौरान भी माँ को हल्के संकुचन का अनुभव हो सकता है। ये बच्चे के जन्म के 5-6 मिनट बाद शुरू होता है और इसमें आधे घंटे का समय लग सकता है।
सामान्य प्रसव में आमतौर पर लगभग 12 से 14 घंटे लगते हैं। ऐसा तब होता है जब गर्भवती महिला की ये पहली नॉर्मल डिलीवरी होने जा रही हो। दूसरी या तीसरी डिलीवरी में पहली नॉर्मल डिलीवरी के अपेक्षा कम समय लगता है।