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हम आधुनिक हैं.... न मन में उमंग न तन में तरंग न जीवन में उछंग कहीं खो गया है वसंत ..... हम आधुनिक हैं आधुनिकता की आपाधापी में भौतिकता की आंधी में कहीं खो गया है वसंत सरसों आज भी फूलती है