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पश्चाताप!!

15 सितम्बर 2021

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मन में हर कोने में उठा सैलाब मानो शांत ही नहीं होगा, मन मस्तिष्क आंखों के सामने बस वही मंजर घूम सा रहा हैं,अरे हां मैं तो बताना ही भूल गईं काफी दिनो से कुछ छोटे छोटे चूहे घर पर बहुत हो गए थे ।सारा दिन पूरे घर में धमा चौकड़ी करते रहते कभी कबड्डी का मैदान तो कभी लुका छिपी का खेल खेलते रहते हमे भी कोई ऐतराज नहीं था क्यूंकि बिना नुकसान किए खेलकूद रहे तो कोई बात नही पर बात बिगड़ गई जब दो दिनों के लिए घर बंद करके हमलोग रक्षाबंधन मानने चले गए और वापस आने पर घर का इतना बुरा हाल देखकर बहुत गुस्सा आया,चादर के कोने कुतर दिये थे   पूरे घर को अस्त व्यस्त कर दिया था और अब इनकी शैतानियां बढ़ती जा रही थी कभी पैरो के ऊपर से कभी आगे पीछे से से अचानक से आकर डराते हुए अपनी मेल एक्सप्रेस की तरह सरपट दौड़ते रहते ,जिधर जाओ वही पर अपना आधिपत्य जमाए जा रहे थे इनकी हरकते और क्यूटनेस देखकर हरबार यही लगता रहने दो पर इकदिन तो इनकी शरारत ने हद पार कर दी और मेरी किताबों को टुकड़ों में बदल दिया ,अब ये सहन से ज्यादा हो गया था तभी गुस्से में आकर  दवा ले आई और  रात में करीब 10.30 बजे जहां जहां ये घूमते थे दवा रख दी।करीब आधा घंटे बाद मैने देखा इक  छोटू महाशय घिसटते हुए मेरे बगल में ही आ गए इनकी काली चमकती इनोसेंट आंखे आज दर्द में  तब्दील मानो हमसे कह रही हो कि मैं बहुत भरोसा करने लगा था आप पर और आपने ही ये कर दिया,प्लीज मुझे  बहुत दर्द हो रहा है बचा लो मुझे,इनके पूरे शरीर पर बालो का समानुपातिक कटिग मानो हबीब ने इनसे ही सीखा हो चारो पैर जो कभी रुकते नहीं थे इकपल के लिए वो पास में  तड़प रहे थे छोटे छोटे कान बस आहट से ही भाग लेते थे आज सब सुनने के लिए रुक सा गए थे वो मुछो के बाल की बनावट एकदम परफेक्ट आकृति जो किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर ले,हमेशा इतनी शैतानी करने वाले मेरे बगल में ही दर्द में तड़प रहा था सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी थी ये सब देख कर मैं एकदम भावुक हो गईं और अपनी गलती का अहसास हुआ  ये क्या कर दिया। इतने निर्दोष अबोध चूहों को जानबूझ कर उनके जीवन को समाप्त कर दिया वैसे उन्हें अगली योनि में प्रवेश का पथ  खुल गया जिससे उद्धार हो और शायद मानवजन्म मिले पर मैं बहुत ग्लानि महसूस कर रही थी और आंसू रुक ही नहीं रहे थे , लग रहा था इतना बड़ा अपराध कैसे कर सकती हूं मैं उनका क्यूट लुक और शैतानियां याद आ रही थी सोच रही थी इस परफेक्ट फेस पर अगर इक ऐनक लगा देती तो ये सुपर जेंटलमैन लगते तभी तो प्रयोगशालाओं का प्रथम मानव करीबी भी हैं।मानवजाति की संरचना का सबसे नजदीकी आत्मीय भी है, दवा निर्माण का टेस्ट पायलेट और गणेश भगवान जी का वाहन भी है ।आपको कभी न भूल पाएंगे माफ़ कीजिएगा मुझे।

                    Rip 🙏💐

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बहुत बहुत आभार आपका ☺️

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