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तकते राह पूर्वज तू करे तर्पणसच्ची श्रद्धा से अन्नजल करना अर्पणकरना सच्चे मन से वंदनउनकी आत्मा तृप्त होकरना ऐसा निवेदनदेंगे पुरखे तेरे आशीष तमामपितृ पक्ष है पूर्वजों के नामआश्विन ये माह श्रद्धा का 
आओ किस्सा एक रेल यात्रा का सुनाए, भीड़ बड़ी भारी रेल में चढ़ने का करने लगे प्रयास। धक्का मुक्की इतनी की ले ना पाए सांस , बताए क्या अपना हाल भीड़ ने कर दिया फिर कमाल ।रेल में चढ़े नही चढ़ा दिए गए,