तकते राह पूर्वज तू करे तर्पण
सच्ची श्रद्धा से अन्नजल करना अर्पण
करना सच्चे मन से वंदन
उनकी आत्मा तृप्त हो
करना ऐसा निवेदन
देंगे पुरखे तेरे आशीष तमाम
पितृ पक्ष है पूर्वजों के नाम
आश्विन ये माह श्रद्धा का
दया के भाव का
पूर्वजों के प्रति लगाव का
पीढ़ियों को तू तार
आशीर्वाद पायेगा अपार
श्रद्धा भाव न हो आभाव
रखना शुद्ध मन और मन में चाव
जग की रीत है आना और जाना
पितृ पक्ष में पुरखों को तृप्त
तू कर देना
कर्म शुभ अपने तू बनाएगा
पितरों की कृपा तू पाएगा
सुख समृद्धि के भरेंगे भंडार
मृत्यु के बाद भी पितृ पक्ष से
जुड़े रहते है रिश्तों के तार