कुछ नया और बेहतर लिखने की चाह ............
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<p>कहीं दर्द का नाम नहीं हो<br> मजहब पर कत्लेआम नहीं हो l<br> घर-घर फैले प्रेम-अहिंसा<br> नफरत का को
<p>दीवाली सा हर दिन लगे</p> <p>और दशहरे सी रात l</p> <p>होली जैसी दोपहरी</p> <p>हो रोज खुशी की बात l