0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
1 किताब
<p>दीवाली सा हर दिन लगे</p> <p>और दशहरे सी रात l</p> <p>होली जैसी दोपहरी</p> <p>हो रोज खुशी की बात l
<p>कहीं दर्द का नाम नहीं हो<br> मजहब पर कत्लेआम नहीं हो l<br> घर-घर फैले प्रेम-अहिंसा<br> नफरत का को