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दिल की बातें - कविताओं की सफ़र

दिल की बातें - कविताओं की सफ़र

प्रस्तुत पुस्तक राम विनोद कुमार के द्वारा लिखी गई एक सौ कविताओं की संग्रह है, जिसमें आप अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के अनछुए संदर्भों से रूबरू होंगे।

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ईबुक:

₹ 14/-

दिल की बातें - कविताओं की सफ़र

दिल की बातें - कविताओं की सफ़र

प्रस्तुत पुस्तक राम विनोद कुमार के द्वारा लिखी गई एक सौ कविताओं की संग्रह है, जिसमें आप अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के अनछुए संदर्भों से रूबरू होंगे।

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प्रेम की पाठशाला

प्रेम की पाठशाला

हममें से अधिकांश लोग ज्ञान और जागरूकता के अभाव में अपनी महत्वपूर्ण चीजों और बहुमूल्य समय  को ही नजरअंदाज कर देते हैं, फिर समय बीत जाने पर हाथ मिलने और पछताने के सिवाय और कुछ भी हासिल नहीं होता है। समय पर जो काम थोड़ी उर्जा या श्रम से हो सकता था, उसके

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प्रेम की पाठशाला

प्रेम की पाठशाला

हममें से अधिकांश लोग ज्ञान और जागरूकता के अभाव में अपनी महत्वपूर्ण चीजों और बहुमूल्य समय  को ही नजरअंदाज कर देते हैं, फिर समय बीत जाने पर हाथ मिलने और पछताने के सिवाय और कुछ भी हासिल नहीं होता है। समय पर जो काम थोड़ी उर्जा या श्रम से हो सकता था, उसके

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सपने सच हुए

9 अगस्त 2022
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कदम लड़खड़ाया, बाधाएँ भी आई,लक्ष्य बनाकर, पथ पर बढ़ता गया ।जो माँगा मिला वह ,सपने सच हुए।न दिन-रात देखा,न दुनिया की परवाह,बस चलता गया, बढ़ता गया हर पल।जो माँगा मिला वह, स

अंतिम वक्त

9 अगस्त 2022
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देख ! समय ,पल-पल बीतता बचा न वक्त।बढ़ जा राजा,अब छूले आसमां,तुम भी जरा ।चुक गए जो,अबकी बार तुम,फिर कहाँ तू ?बाँट ले दर्द,प्रियतम पिया से,सकुचाना ना !आँखों की भाषा,उनकी भी पढ़ ले,दिल लगी ना ।यादों

जरा सुन लो

9 अगस्त 2022
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रुक जा,जरा सुन ले,सोच-विचारकर ले!इतनी रफ्तार में क्यों,भागे चले जा रहे हो ?एक पल मन को शांत कर ,सोच-विचार,क्या होगा,आखिर तेरे कार्य का परिणाम?सोच - समझ ले ,रुक जा ! विचार ले !पलट कर देख ले,अपनी दीपक क

बिटिया रानी को सुला दे

9 अगस्त 2022
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आजा निंदिया,बिटिया-रानी को सुला दे !आजा निंदिया रानी ! आजा निंदिया रानी !!आजा निंदिया,बिटिया रानी को सुला दे !मेरे संग लेटी है,इसे पलकों पर बिठा ले !नींद में सुलाके इसे, मीठा सपना दिखा दे,आजा निंदिया,

बोने में कभी सकुचाना नहीं

9 अगस्त 2022
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जो कुछ भी है थोड़ा बहुत,न खा जाना कभी भूँजकर।बोने में कभी सकुचना नहीं,जमीन बनाकर बस बो देना।हजार गुना मिलेगा फलकर,बंजर नहीं परमात्मा की खेत,मुट्ठी. भर बो, मन भर पाएगा।अगर

मुझे पसंद है

9 अगस्त 2022
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मुझे पसंद है रोज कुछ पढ़ना,आगे ही बढ़ना ऊँचे ही चढ़ना,जल्दी जागना , खुब जल पीना,दोनों वक्त शौच, खुल कर जीना,रोज व्यायाम,मन से अपना काम। खूब रगड़ नहाना ,द

किस्से नए-पुराने

9 अगस्त 2022
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आओ सुनाएँ तुझे किस्से नए-पुराने,देख-सुन भी न सीखा,गाता नए तराने।आँख बंदकर चले,और कोई ठौर नहीं ,न रास्ते की खबर,मंजिल का गौर नहीं।आँख रहते हुए भी अंधे की तरह,आँख कान

कर्म कर

9 अगस्त 2022
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कर्म कर ,फल की आस न कर,बोएगा,पानी देग, तो फलेगा ही।मौसम-प्रकृति की मार भी पड़ेगी,तू कोशिश करना,निराश ना होना।हुआ अच्छा, होगा वह अच्छा ही,बस सजग-सावधान कर्मण्य रह।अकर्मण्य-बेपरवाह कभी न बन,

इकिगाई-जीने की वजह

9 अगस्त 2022
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इकरू से बना जापानी शब्द इकिगाई,इकरू मतलब है ' जीना ' आनंद से।इसे हम जोड़े जीवन के परम लक्ष्य से,इकिगाई का मतलब है 'जीने की वजह'रुचि, योग्यता, आवश्यकता और प्राप्ति,चार बातें एक ही शब्द में समाहित

लक्ष्य कहीं तुम खो न दो

9 अगस्त 2022
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आँखें बंद कर क्यों चले जा रहे ?देख लो लक्ष्य को कहीं खो न दो !क्या देखकर इतनी मद में चूर हो ?क्यों सुनते न हो, इतना मगरूर हो?ठोकर लगने पर क्या अक्ल आएगी ?सुनकर क्यों नहीं तुझे समझ आता ?इतना लापरवाह कै

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