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रिश्ता

21 अगस्त 2015

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अल्फाज़ों का हुनर भीi किया खुब है,,, कड़वा बोलने वाले का शहद नहीं बिकता,, और मीठा बोलने वाला ज़हर भी बेच देता है. ना गोरा रंग हूस्न की अलामत है ना काला रंग बदसुरती की निशानी कफन सफेद हो कर भी खौफ की अलामत है और काबा काले रंग मे भी आंखो की ठंडक है..!! मानो तो एक रूह का रिश्ता है हम सबका ना मानो तो कोई किसी का कुछ नहीं लगता.

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