हज़ारों की दौड़ में !
हज़ारों की भीड़ में एक दीवाना वो भी था.... उसके नफरत से वाकिफ एक अनजान वो भी था... सच्चाई से परे अपनी ही दुनिया में... अनकही लफ़्ज़ों का एक फ़साना वो भी था... तो सुनते है आपको उस अधूरे प्यार की बात... रोज़ तनहाइयों में कट रही थी उसकी अकेली रात... बताने से कतराता था...छुपाने स