में चला उस डगर पर
जहां अंधेरा ही अंधेरा था
पर कुछ कदम पर मैंने देखा
एक खुशहाल सवेरा था
वहां तक पहुंचने में
समय का भी अभाव था
पर पहुंचना है मुझको उस सवेरे के पास
जहाँ मेरे सपनों का सवेरा है
5 दिसम्बर 2021
में चला उस डगर पर
जहां अंधेरा ही अंधेरा था
पर कुछ कदम पर मैंने देखा
एक खुशहाल सवेरा था
वहां तक पहुंचने में
समय का भी अभाव था
पर पहुंचना है मुझको उस सवेरे के पास
जहाँ मेरे सपनों का सवेरा है
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मेरा नाम संदीप चतुर्वेदी है मै कन्नौज उत्तरप्रदेश के छोटे से गाँव ज्ञानपुर का रहने वाला हूँ जय हिंद जय श्री रामD