shabd-logo

संजीव कुमार सुधांशु के बारे में

बच्चों को गीता पढ़ाईये ताकि भविष्य में गीता पर हाथ रखने की नौबत ना आये ।

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

संजीव कुमार सुधांशु की पुस्तकें

sudhanshu

sudhanshu

0 पाठक
4 रचनाएँ

निःशुल्क

निःशुल्क

rah

rah

0 पाठक
2 रचनाएँ

निःशुल्क

rah

rah

0 पाठक
2 रचनाएँ

निःशुल्क

bandhan

bandhan

0 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

निःशुल्क

संजीव कुमार सुधांशु के लेख

प्याज

30 अगस्त 2015
4
0

🌰🌰🌰🌰🌰🌰🌰🌰UNION IS STRENGTH सरकार को कोसने की बजाएसात दिन प्याज मत खाओ।जमाखोरों के तमाचा मारो।प्याज 10/- किलो बिकने लगेगा।महंगाई को केवल सरकार ही नही, हम भी मिलजुल कर कम कर सकते हैं ।8 से 15 दिन तक प्याज खरीदना और खाना बिलकुल बंद करने से जमा खोरी करने वालों की प्याज सड़ने लगेंगी

बिहार

30 अगस्त 2015
2
0

सी एम साहब की घोषना कही चुनावी झुनझूना बन कर ना रह जाय ।

जिन्दगी

29 अगस्त 2015
4
1

बेवफा है ये दुनिया कभी किसी का एतवार न करना,हर पल मिलता है जहा धोखा कभी किसी से प्यार न करना,मर जाना चाहे तन्हा जी कर दोस्तो पर फकीरा की तरहा कभी किसी का इन्तजार न करना...

रिश्ते

29 अगस्त 2015
2
0

कुछ रिश्ते अजीब होते हैं, आलम तो देखिए जोड़े भी नहीं जाते, तोड़े भी नहीं जाते...!!

रक्छा बन्धन

29 अगस्त 2015
3
0

इस राखी पर भैया ,मुझे बसयही तोहफा देना तुम ,रखोगे ख्याल माँ-पापा का , बस यही इकवचन देना तुम ,बेटी हूं मैं , शायद ससुराल से रोज़ न आपाऊंगी ,जब भी पीहर आऊंगी , इक मेहमान बनकरआऊंगी ,पर वादा है, ससुराल में संस्कारों से,पीहर की शोभा बढाऊंगी ,तुम तो बेटे हो , इस बात को नभुला देना तुम ,रखोगे ख्याल माँ -पाप

नाराज

28 अगस्त 2015
6
1

नाराज़ क्यों होते हो? चले जाएंगे तुम्हारी महफ़िल से, लेकिन पहले मुझे मेरे दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो...!!!

काश

28 अगस्त 2015
2
1

रंजिश ही सही , दिल को दुखाने के लिए आ,आ फिर से मुझे , छोड़ जाने के लिए आ.....

काश

28 अगस्त 2015
1
1

जाती है धूप उजले परों को समेट के,ज़ख्मों को अब गिनूंगा मैं बिस्तर पे लेट के.....

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए