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संस्कार

3 जनवरी 2025

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आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में, बड़ा नाम ओर ज्यादा धन अर्जित करने के चक्कर में अपना और अपने बच्चों का बहुत बड़ा नुकसान कर रहे है। ज्यादा काम के चक्कर में हम अपने बच्चों को अपने संस्कार ही नही सिखा पा रहे हैं। जब बच्चो को अच्छे संस्कार ही नही दे पाएंगे तो वे क्या हमारे साथ अच्छा व्यवहार करेंगे, नहीं। बचपन से जो बच्चो को सिखाया जाता हैं आगे चलकर वे वैसा ही व्यवहार करते हैं। आजकल तो स्कूल में भी बच्चों  को व्यवहारिक ज्ञान नहीं मिल पाता है। माता पिता धन अर्जित करने, घरेलू कार्य, कार्यालय कार्य के चक्कर में बच्चों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिस कारण बच्चों में भी मोबाइल की लत बढ़ रही है और बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। आगे चलकर बच्चे अपनी मनमानी करने लगते हैं। बच्चे भी मातापिता का ध्यान नहीं रखते इस लिए अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छे संस्कार देने चहिए। आजकल तो मां बाप स्वयं मोबाइल में फेसबुक, यूटयूब, इंस्टाग्राम आदि पर रील्स देखते रहते हैं जिसका बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

बच्चों को अच्छे संस्कार कैसे दे?
सर्वप्रथम माता को बच्चे में बचपन से ही संस्कारो के बीजों का रोपण करना चाहिए क्योंकि माता ही बच्चे की प्रथम गुरु होती है। बच्चे की प्रथम पाठशाला परिवार होता है इस लिए परिवार के सभी सदस्यों को बच्चे में संस्कारो का रोपण करना चाहिए। बच्चों को बचपन से ही मातापिता, गुरुजनों एवं अपने से बड़ों का आदर करना सिखाना चाहिए। बचपन से ही भाषा का सही ज्ञान देना चाहिए। सभी का आदर, सम्मान एवं अभिवादन करना सिखाना चाहिए। बच्चों को बचपन से ही भगवान की पूजा, अर्चना और ध्यान का अभ्यास कराना चाहिए। अपने कार्य के प्रति सजगता एवं कर्त्यनिष्ठ होने का पाठ पढ़ाना चहिए। बच्चों को सभी के प्रति कृतज्ञता, दया और सहानुभूति का भाव रखना आना चाहिए। जिम्मेदारी, अनुशासन सच्चाई और ईमानदारी का भाव सिखाना चाहिए। अपने बच्चों को एक दूसरे की मदद करना एवं मिलजुल कर रहना सीखना चाहिए। बच्चों को बचपन से ही धार्मिक ग्रंथ जैसे श्रीमद् भागवत महापुराण, श्रीरामचरित्र मानस, शिव पुराण, वेद और आध्यामिक पुस्तकों का अध्ययन कराना चाहिए।

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