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shekhar gupta के बारे में

नमस्कार दोस्तों. मैं शेखर. मुझे हिंदी और इंग्लिश नॉवेल लिखना पसंद है। मैं ज्यादातर, साइंस फिक्शन नॉवेल लिखता हूँ मैं पूर्ण दृष्टिहीन हूँ। मुझे कहानियाँ तथा उपन्यास लिखने का शौक है. उम्मीद करता हूँ आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आएगी।

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shekhar gupta की पुस्तकें

प्रेम की चरम सीमा.

प्रेम की चरम सीमा.

दोस्तों. आपने किसी ना किसी से तो प्यार अवश्य किया होगा. लेकिन, क्या आपका प्यार सच्चा है? आखिर सच्चा प्यार किसे कहते हैं. क्या प्यार एक शारीरिक संबंध तक पहुंचने का साधन मात्र है? या फिर दो आत्माओं का मिलन. जानना चाहेंगे? आपको क्या लगता है. कोई किसी से

7 पाठक
17 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 32/-

प्रेम की चरम सीमा.

प्रेम की चरम सीमा.

दोस्तों. आपने किसी ना किसी से तो प्यार अवश्य किया होगा. लेकिन, क्या आपका प्यार सच्चा है? आखिर सच्चा प्यार किसे कहते हैं. क्या प्यार एक शारीरिक संबंध तक पहुंचने का साधन मात्र है? या फिर दो आत्माओं का मिलन. जानना चाहेंगे? आपको क्या लगता है. कोई किसी से

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shekhar gupta के लेख

करण को भूलने की कोशिश.

20 दिसम्बर 2021
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<p><em>मैं लगातार करण के बारे में सोचें जा रही थी. मैं अपने कमरे के सामने वाली खिड़की पर खड़ी थी.</e

प्यार का पहला एहसास.

20 दिसम्बर 2021
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<p><em>मैं मन ही मन सोच रही थी. आज करण का व्यवहार मुझे अलग क्यों लग रहा था. क्या परेशानी होगा उसे. क

बदलाव का पहला दिन.

20 दिसम्बर 2021
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<p><em>सुबह हो चुकी थी. पर मैं अंदर से बहुत ज्यादा डरी हुई थी. मैं सोचने लगी. करण ने मुझे छुआ

मेरा नया जन्म.

20 दिसम्बर 2021
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<p><em>मैं अपने कमरे में थी. रात हो चुकी थी. मैं करण की कही बातें याद करने लगी. </em></p> <p><e

करण की परेशानी.

20 दिसम्बर 2021
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<p><em>मैं हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार थी. इसी के साथ, मैं</em><em> </em><em>मामा जी के सामने आ गई.</

रात का डर.

20 दिसम्बर 2021
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<p><em>मैं अपने कमरे में थी. रात हो चली थी. सभी लोग सो चुके थे.</em><em> </em><em>पर अचा

वह पहली मुलाकात.

20 दिसम्बर 2021
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<p><em>अगले दिन ही मैं मामा जी के साथ हॉस्पिटल जा पहुंची. </em><em> मुझे याद है. उस दिन म

पुलिस स्टेशन की जिल्लत.

20 दिसम्बर 2021
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<p>उस दिन मैं मामा जी के साथ पुलिस स्टेशन जाने वाली थी.</p> <p>उन चारों के खिलाफ, रिपोर्

पहला एहसास.

20 दिसम्बर 2021
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<p><em>मैं बाइक वाले को लेकर बहुत परेशान थी. इतनी कोशिश के बाद भी, उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो र

वह परछाई।

20 दिसम्बर 2021
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<p><em>मैं</em><em> </em><em>अपने कमरे में थी. तभी मैंने कुछ </em><em> </em><em>सुना.</em></p>

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लेख पढ़िए