शिक्षक दिवस विशेष
शिक्षक बो धूरी है जिसके इर्द गिर्द देश का भविष्य बनता है यह बो शिल्पकार जो एक बालक को सही दिशा देता है कोरोना संकट में लॉक डाउन का पालन करना अनिवार्य ही नहीं जीवन के लिए जरुरी भी है विगत कुछ माह से शिक्षा की नाव एकाएक रुक सी गयी है फलस्वरूप बच्चो की शिक्षा प्रभावित हुई है शिक्षा को जारी रखने के लिए वर्तमान में विकल्प ऑनलाइन प्लेटफार्म ही है जिसका प्रयोग कर शिक्षा को गति दी जा सकती है इसी को ध्यान में रख मैने एक समर्पित शिक्षक होने के नाते ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से बच्चो को ज्ञान का प्रकाश देना शुरू किया मेरा लघु प्रयास शिक्षा को जन जन तक पहुंचाने के मिशन को साकार जरूर करेगा। शिक्षा के साथ कोरोना बचाव के सन्देश भी जग जाहिर करने में परहेज नहीं करता क्योकि शिक्षा में कोरोना संकट में अपने रक्षक आप बनने की शिक्षा भी जरुरी है क्योकि शासन प्रशासन ने अपना काम किया विभिन्न माध्यमों से दिशा निर्देशों के साथ जागरूकता की क्लॉस रोज आमजन को दी गयी, सरकार ने अपना काम किया अब हमे अपना काम करना है आपातकालीन परिस्थिति से उबरने हेतु प्रत्येक नागरिक को जिम्मदारी समझनी होगी ध्यान रहे हमारी सजगता ही कल का भविष्य तय करेगी दिशा निर्देशों को दिनचर्या का अनिवार्य अंग बनाकर ही कोरोना के संकट से लड़ा जा सकता है। इसलिए अपने रक्षक खुद बनना ही होगा, अत कुछ समय के लिए कोरोना के साथ जीना ही होगा, बस सुरक्षा कवच को अपने जीवन का हिस्सा बना लो नहीं तो साबधानी हटी और दुर्घटना घटी की कहावत सिद्ध हो ही जायेगी। .... बरसात आएगी तब छाता नहीं लगाना अभी से सुरक्षा का छाता जीवन का हिस्सा बनाकर जिंदगी के दायित्वो को पूरे करे.... संकट नया है, बड़ा है, वैश्विक है, पर यह एक दिन समय की धारा में पसार होकर चला जाएगा क्योकि रात कितनी भी अंधेरी हो प्रकाश की सुबह के साथ सूरज चमकता जरूर है। ... अंत में इस आशा के साथ एक दिन भारत का जन जन मुस्कान के साथ खुशियों की दुनिया में कदम रखेगा। हारेगा कोरोना- जीतेगा इंडिया - जय हिन्द-- पवन पाराशर ( शिक्षक ) जयंती नगर, भरतपुर