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80 के दशक में झारखंड के धनबाद में जन्मे शिव शंकर चौबे, माता नमिता चौबे और पिता राम प्रसाद चौबे के बड़े पुत्र है l इनका गांव प्रयागराज के ऊंचडीह स्टेशन के समीप बसl है l इन्होंने अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री के अलावा बी.एड कर रखी है l तत्पश्चात कंपाउंड होम्योपैथी में डिग्री, पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा पत्रकारिता में, पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा विज्ञापन प्रबंधन में , जूनियर डिप्लोमा संगीत में एवं डिप्लोमा कंप्यूटर में हासिल की है l इन्होंने न्यूज़ चैनल में बतौर एंकर,न्यूज़ रीडर एवं प्रोड्यूसर कl रोल अदा किया है l इन्होंने कुणाल कोहली द्वारा निर्मित फिल्म "थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक" में भी भूमिका अदा की है l वर्तमान में झारखंड धनबाद के जाने-माने प्रतिष्ठित विद्यालय में बतौर शिक्षक की भूमिका निभा रहे हैं, लेखनी इनकी पसंदीदा क्षेत्र है l बहुत सारे राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय अखबार और मैगजीन में लेख कविताएं छप चुकी है l इन्होंने बहुत सारी फिल्मी गीत,भक्ति गीत आदि भी लिख रखी है l इन्हें प्रतिष्ठित अखबार प्रभात खबर द्वारा बेस्ट टीचर अवार्ड से 2016 में सम्मानित किया गया है, रोटरी इंडिया लिटरेरी मिशन द्वारा नेशन बिल्डर अवार्ड से 2014 में सम्मानित किया गया है, कैंसर अवेयरनेस एंड एड सोसायटी लखनऊ एवं एजुकेयर जमशेदपुर द्वारा समाज सेवा के लिए सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है, रोटरी क्लब धनबाद द्वारा अप्रिशिएसन फॉर एक्सेमप्लेरी सर्विस फॉर द कॉज ऑफ़ ह्यूमैनिटी के लिए सम्मानित किया गया है, हेल्पएज इंडिया नई दिल्ली द्वारा समाज सेवा की तत्परता के लिए सर्टिफिकेट ऑफ़ अप्रिशिएसन से सम्मानित किया गया है एवं एजुकेयर जमशेदपुर द्वारा बाल सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है l संपर्क सूत्र:- Shiv Shankar Choubey S/O R. P. Choubey Flat No. - 403 Saraswati Apt. Banasthali Colony Opposite Shivam Petrol Pump

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अगर तेरा साथ हो

अगर तेरा साथ हो

मेरे लिए अत्यंत हर्ष की बात है कि मेरा रोमांटिक काव्य संग्रह "अगर तेरा साथ हो " शब्द डॉट इन प्रशासन के माध्यम से प्रकाशित होकर आपके हाथों में है l इसके लिए मैं अंतर मन से प्रभु द्वारिकाधीश का कोटि-कोटि नमन करता हूं, साथ ही मेरे माता -पिता, भाई-बंधु,

14 common.readCount
71 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 7/-

प्रिंट बुक:

113/-

अगर तेरा साथ हो

अगर तेरा साथ हो

मेरे लिए अत्यंत हर्ष की बात है कि मेरा रोमांटिक काव्य संग्रह "अगर तेरा साथ हो " शब्द डॉट इन प्रशासन के माध्यम से प्रकाशित होकर आपके हाथों में है l इसके लिए मैं अंतर मन से प्रभु द्वारिकाधीश का कोटि-कोटि नमन करता हूं, साथ ही मेरे माता -पिता, भाई-बंधु,

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हो तो हो कहां

7 दिसम्बर 2023
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मैं सोच रहा था, तुम हो तो हो कहां  आंख खुली और देखा यहां और वहां  ना मिली जब, आंखें नम हो गई  एक कतरा आंखों से गिरा और आपकी नींद खुल गई l तब देखा बाहों में छुपी थी, तुम सनम  पूछ बैठा, क्यों शां

हुस्न की परी

7 दिसम्बर 2023
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तेरी खुबसूरती देख, मैं पागल हो जाऊँगा                                                                                  उस वक्त खोजोगी दर-दर, मैं सड़क पर नज़र आऊँगा             इतनी खुबसूरत कि आपके, र

हसरतें

7 दिसम्बर 2023
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हसरत है मेरी, तुझे अपना बनाने को बडी सिद्दत से चाहता हूँ, गले लगाने को प्यार क्या चीज़ है, मेरे प्यार ने मुझे सीखा दिया जिस प्यार से लगता था डर, उसी का रस पीला दिया l मत पूछना कभी, मुझे कितना प्य

हद से ज्यादा

7 दिसम्बर 2023
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क्यों चाहती हो तुम मुझे हद से ज्यादा                                                           क्यों चाहती हो तुम मुझे हद से ज्यादा                                                                    

हंसी

7 दिसम्बर 2023
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जब भी मैं तुझे हंसता देखता हूं                                                                दिल की गहराइयों से सोचता हूं                                                                  क्यों ना य

सुकून

7 दिसम्बर 2023
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मेरी आंखों को सुकून तब आया था जब मैंने आपको अपनी आंखों में पIया था  सोचा था क्या यू, मेरे प्यार को आप कबूल करेंगे  आपके बिना पल भर भी, अब ना जी सकेंगे l खोल दी हथकड़ियां, आपको आगोश में लेने को 

सफर

7 दिसम्बर 2023
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आपका प्यार का एहसास, प्यार से भी प्यारा है  मेरा दिल और जान, सब तो बस तुम्हारा है  ना झगड़ों इस तरह, और करीब आ जाता हूं  हकीकत यह है, सपनों में भी आंसू रोक ना पाता हूं l दिल की गहराइयों में झाको

सपने

7 दिसम्बर 2023
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काश! मैं आपके पास बैठा होता  घड़ी की सुई रुक गई होती  काश! वहां कोई ना होता  आप मेरे बाहों में होती l सिलसिला यूं यदि चलता रहा  आपके और हमारे बीच  दूरियां यूँ घटती जाएंगी  और कोई ना होगा हम द

सच्चा प्यार..... सजा

7 दिसम्बर 2023
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मैं आज उस राह पे खड़ा हूं जहां अंधेरा ही अंधेरा है                          मैं उस चौराहे पे खड़ा हूं जहां सभी दरवाजे बंद पड़ा है                            क्या गुनाह किया है मैंने, यही पूछ रहा हूं

शिकवा

7 दिसम्बर 2023
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जिंदगी से बस एक ही शिकवा है मुझे                                                       बहुत देर बाद तु मिली है मुझे                                                          बचपन में खिलौनों से खेलl

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