मेरे लिए अत्यंत हर्ष की बात है कि मेरा रोमांटिक काव्य संग्रह "अगर तेरा साथ हो " शब्द डॉट इन प्रशासन के माध्यम से प्रकाशित होकर आपके हाथों में है l इसके लिए मैं अंतर मन से प्रभु द्वारिकाधीश का कोटि-कोटि नमन करता हूं, साथ ही मेरे माता -पिता, भाई-बंधु, पत्नी समेत मेरी बिटिया एवं समस्त शुभचिंतको का शुक्रगुजार करता हूं जिसने मुझे प्रोत्साहित किया l प्रभु से गुजारिश करता हूं कि यह सिलसिला आगे भी यूं ही चलता रहे l आपके मन में क्या चल रहा है ?कौन नहीं जानना चाहता l क्योंकि मन को वश में करना नामुमकिन ही नहीं अपितु असंभव है और जिसने मन को वश में कर लिया वे जीवन का चरम सुख प्राप्त कर लेता है l इस पुस्तक के माध्यम से मुझे यह बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि एक ओर जहां आज पूरा समाज भाग दौड़ में लगा हुआ है, वहीं आज के युवा वर्ग भी अपने मुकाम पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार है l कुछ बातें जो प्यार से जुड़ा हो वे बयां नहीं कर पाते इसी को मद्देनजर रखते हुए मैंने कुछ कविताएं संग्रह की है ताकि कविता के माध्यम से वे एक दूसरे के समक्ष अपनी बातों को प्रेषित कर सके l ये कविताएं हर वर्ग के लिए उपयुक्त है क्योंकि किसी ने सच ही कहा है "प्यार करने की ना कोई उम्र होती है और ना ही कोई सीमा"l आशा करता हूं आपका प्यार मुझे भी भरपूर मिलेगा ताकि मुझे प्रोत्साहन मिले आगे भी कुछ लिखने का और आपके समक्ष पेश करने का l मैं तहे दिल से टंकण के लिए सक्षम विलास्का का, कवर पृष्ठ के लिए मयूरेश सिंह का दिल से धन्यवाद करता हूं और आशा करता हूं आगे भी ये लोग मेरी मदद करते रहेंगे l धन्यवाद
1 फ़ॉलोअर्स
1 किताब