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सिर्फ तुम..

7 सितम्बर 2021

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बस एक बार तुम्हे देखुं यह अभिलाषा थी मेरी,,2
तुम आओगी वापस यह आशा थी मेंरी...
युं तो में शब्दो का कारीगर हुं...,2
पर कभी "तुम" ही भाषा थी मेंरी..!
  • कवि अभिषेक सोलंकी

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