shabd-logo

सिर्फ तुम..

7 सितम्बर 2021

17 बार देखा गया 17
बस एक बार तुम्हे देखुं यह अभिलाषा थी मेरी,,2
तुम आओगी वापस यह आशा थी मेंरी...
युं तो में शब्दो का कारीगर हुं...,2
पर कभी "तुम" ही भाषा थी मेंरी..!
  • कवि अभिषेक सोलंकी

कवि अभिषेक सोलंकी की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए