_____________सुबह की आवाज़_______
कितना लुभाना है तेरे आंचल का यह दृश्य है,
बार बार देखने को दिल करता है ।
उठा जब दिखाया प्रकृति ने गज़ब नजारा,
जी करता है में बन जाऊ तेरी खुशबू का नज़ारा हे प्रभु। सूरज अपनी चमक से मुझे हसा रहा है
जी करता है में बन जाऊ तेरी खुशबू का नज़ारा हे प्रभु।