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तारों की चुप्पी

24 अगस्त 2024

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रात की चादर में, तारे मुस्काते,
चुप्पी की गहराई में, कुछ बातें बताते।
सपनों की डोरी से, आसमान को बांधते,
निशब्द गीतों में, दिलों को साधते।

हर तारा एक कहानी, अनकही सी गाथा,
अंधेरे में छुपी हुई, जीवन की परिभाषा।
रात के सन्नाटे में, एक उजाला बुनते,
दूरियों को मिटाते, करीबियों को चुनते।

हर चमक में छुपा, एक संदेश पुराना,
साहस की रोशनी में, छुपा है खजाना।
जीवन की राहों में, भले हो अंधेरा,
हर तारे की चमक, है उम्मीद का बसेरा।






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