माओवाद सही भी है, गलत भी...बस नज़रिए का फर्क है|
नई दिल्ली से धनबाद की यात्रा पर हूँ| लोगों सेबहुत सुना था कि झारखंड प्राकृतिक सौन्दर्य को अभी भी संवारे हुए है, इसलिएप्रकृति के इस नायाब करिश्मे और सुन्दरता को देखने का मन हुआ| बहुत सोचने के बादतय किया कि भारतीय रेल से यात्रा की जाय क्यूंकि रेल की पटरियों के किनारे ही आपकोआधी सुन्दरता का दर्शन हो जा