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उस पार

21 अगस्त 2023

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चल ले चल रे मांझी 
मुझे उस पार 
 दूर है प्रदेश मेरा 
अब निकाल ले पतवार 
चल ले चल मुझे उस पार 
है धूप सुनहरी माना 
और मौसम भी है सुहावना
लेकिन तूफान के आने के हैं आसार 
चल ले चल मुझे उस पार 
है दूर तलक मुझे अभी जाना
अब प्रिय की बाहें ही है मेरा ठिकाना
उसे भी तो होगा मेरा इंतजार
चल ले चल मुझे उस पार
यूं न मेरा मन बहला 
इन जल के धारों से
कोशिश कर  जरा और
ले चल मुझे किनारों  पे 
विनती करूं तुझसे  मैं सहस्र बार
ले चल मुझे उस पार

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