मै विजय जम्वाल , जम्मू से हू और मुझे लिखने का शौक है , मै बर्तमान मे स्वस्थ विभाग मे काम करता हू !
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आज फिर चीख उठा मेरा गला जब देखा एक अधेड़ उम्र व्यक्ति को आदी रात तक ईंट सिर पर लिए दो वक्त की रोटी को पेट भर कर देने आपनी पत्नी , बेटे और बेटी को आज फिर मजबूर हो गया था यह कहने को कि हे मानब बस क