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जब तक हूं रौनक हूं जब नहीं होऊंगातब भूल जाना कोई था PANDIT G
क्या सच हम इतने खुदगर्ज इंसान बन गया है कि जिसके लिए हमारे पूर्वज युद्ध करने से भी पीछे नहीं हटे आज हमने उसी गाय को जिसको हम सनातनी हिंदू मां का दर्जा देते हैं उसकी पीड़ा को नहीं महसूस कर सकते हैं सबक