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यकीन

1 अक्टूबर 2021

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दिल तो चाहता है यकीन करना
पर उस दिल को तोड़ दिया है तुमने
आज तन्हा हूँ भीड़ में
तन्हा हूँ अपनो में
ये तन्हाई ही अब मेरी अपनी हैं😑😑😢😢

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ये मेरे मन के भाव है जो शब्दो में बांध के में अपना दर्द हल्का कर लेती हूँ|

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