आज का भजन
आज का भजन●●●●●●●●●●●भोला शिवा विष कंठधरनाचत मगन कैलाश परपी कर धतूरा भांग रसडमरू बजावत नाच करदेखो धारा अब बह गयीबारिश झमाझम हो रहीगंगा जटा जूट जाल सेलगता है जैसे खुल गयीहर्षित शशि शिव भाल परविषधर नचे शिव ताल परगरजत बिजुरिया नाद करहर्षित मगन शिव गाल परशिव की लगन से गर्म होपिघली अगन से बर्फ जोचल दी उमं