Jai Hind
सीमा ऊपरो सूरमो,
रण लङियो कर सीस !
बिश्नोई बीकाणे रो,
झङ पङियो जगदीश !!
उजल इल कीधी अडर ,
सधर दियो धर सीस !
बिश्नोई बंको मरद,
जंग निसंक जगदीश !!
कीर्त कमाणी सहल की,
आणी मरण इकीस !
अछर उमाणी देख इम,
जांभाणी जगदीश !!
सकङ सपूती राख,
नर रजपूती नाम !
मजबूती जगदीश मन,
कर अदभूती काम !!
जग नर चावो जेगलो,
हर हर कीधो हेर !
घर ठावो जगदीश धिन,
मर शिव माल सुमेर !!
गाढा नर घर गोगली,
आगे हुवा अभीत !
बिश्नोई जगदीश बा,
रसा रखी मर रीत !!
मरणो इकदिन माननै,
अपणा जोयर अंक !
जुपियो जद जगदीश जंग,
सुरो धरण निसंक !!
नह डरियो जगदीश नर,
मरियो मग वरियाम !
मरियो धर हित मातरै,
करियो अदभूत काम !!
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