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Housewife -- अभिव्यक्ति का सुंदर मंच पाकर मन बहुत प्रसन्न और उत्साहित है आशा है इस मंच पर सबका सहयोग मिलेगा -- धन्यवाद मेरे ब्लॉग ----- क्षितिज ---- renuskshitij.blospot.comमीमांसा --- mimansarenu550.blogspot.com ,Housewife -- अभिव्यक्ति का सुंदर मंच पाकर मन बहुत प्रसन्न और उत्साहित है आशा है इस मंच पर सबका सहयोग मिलेगा -- धन्यवाद मेरे ब्लॉग ----- क्षितिज ---- renuskshitij.blospot.comमीमांसा --- mimansarenu550.blogspot.com ,Housewife -- अभिव्यक्ति का सुंदर मंच पाकर मन बहुत प्रसन्न और उत्साहित है आशा है इस मंच पर सबका सहयोग मिलेगा -- धन्यवाद मेरे ब्लॉग ----- क्षितिज ---- renuskshitij.blospot.comमीमांसा --- mimansarenu550.blogspot.com ,Housewife -- अभिव्यक्ति का सुंदर मंच पाकर मन बहुत प्रसन्न और उत्साहित है आशा है इस मंच पर सबका सहयोग मिलेगा -- धन्यवाद मेरे ब्लॉग ----- क्षितिज ---- renuskshitij.blospot.comमीमांसा --- mimansarenu550.blogspot.com ,Housewife -- अभिव्यक्ति का सुंदर मंच पाकर मन बहुत प्रसन्न और उत्साहित है आशा है इस मंच पर सबका सहयोग मिलेगा -- धन्यवाद मेरे ब्लॉग ----- क्षितिज ---- renuskshitij.blospot.comमीमांसा --- mimansarenu550.blogspot.com ,Housewife -- अभिव्यक्ति का सुंदर मंच पाकर मन बहुत प्रसन्न और उत्साहित है आशा है इस मंच पर सबका सहयोग मिलेगा -- धन्यवाद मेरे ब्लॉग ----- क्षितिज ---- renuskshitij.blospot.comमीमांसा --- mimansarenu550.blogspot.com

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सब गीत तुम्हारे हैं

सब गीत तुम्हारे हैं

ये पुस्तक मेरी प्रेम कविताओं पर आधारित है।प्रेम संभवतः संसार की सबसे प्रेर| क भावना है जो सृजन को प्रेरित करती है | मैं कोई पेशेवर रचनाकार नहीं | एक आम गृहणी हूँ जो साहित्यप्रेमी और कलाप्रेमी है मेरी रचनाएँ आपको निराश नहीं करेंगी | मेरे पाठकों ने

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सब गीत तुम्हारे हैं

सब गीत तुम्हारे हैं

ये पुस्तक मेरी प्रेम कविताओं पर आधारित है।प्रेम संभवतः संसार की सबसे प्रेर| क भावना है जो सृजन को प्रेरित करती है | मैं कोई पेशेवर रचनाकार नहीं | एक आम गृहणी हूँ जो साहित्यप्रेमी और कलाप्रेमी है मेरी रचनाएँ आपको निराश नहीं करेंगी | मेरे पाठकों ने

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माँ हिन्दी तू ही परिचय मेरा!

10 जनवरी 2023
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मेरी रचनात्मकता की उर्वर भूमि शब्दनगरी को मेरा सादर नमन!11 जनवरी 2017 को अपनी रचना यात्रा जहाँ से शुरु की थी उसी जगह खड़े होकर पीछे  देखना  बहुत भावुक कर देता है।कितने लोग मिले इस मंच पर जिन्हें पाकर ज

आओ देवता आओ!श्राद्ध कथा

24 सितम्बर 2022
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रसोई से आती विभिन्न स्वादिष्ट  व्यंजनों  की मनभावन गंध और माँ  की स्नेह भरी आवाज  ने घर से बाहर जाते  नीरज  के कदमों को सहसा रोक लिया |'' आज तुम्हारे दादा जी पहला श्राद्ध है बेटा ! इसलिए उन्हें  समर्प

पुस्तक प्रकाशन -' समय साक्षी रहना तुम '

19 जनवरी 2022
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🙏🙏 पुटक मंगवाने के  लिए लिंक   माँ सरस्वती को नमन करते हुए  शब्दंनगरी  के ,मेरे सभी स्नेही पाठवृंद को मेरा सादर और सप्रेम अभिवादन। आप सभी के साथ, अपनी पहली पुस्तक ' समय साक्षी रहना त

आज कविता सोई रहने दो

30 अक्टूबर 2021
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<h1><em><strong>आज कविता सोई रहने दो,</strong></em></h1> <h1><em><strong>मन के मीत मेरे

मन पाखी की उड़ान - प्रेम कविता

11 मार्च 2021
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मन पाखी की उड़ान तुम्हीं संग मन मीता जीवन का सम्बल तुम एक भरते प्रेम घट रीता !नित निहारें नैन चकोर ना नज़र में कोई दूजा हो तरल बह जाऊं आज सुन मीठे बैन प्रीता ! बाहर पतझड़ लाख चिर बसंत तुम मनके सदा गाऊँ तुम्हारे गीत भर - भर भाव पुनीता ! बिन देखे रूह बेचैन हर दिन राह निहारे लगे बरस पल एक

लाडली नाज़ों पली

30 नवम्बर 2020
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🌹🌹आदरणीय भाई रवींद्र सिंह यादव जी को लाडली बिटिया   के शुभ विवाह की  हार्दिक बधाई और शुभकामनाएंनव युगल को भावी जीवन की हार्दिक मंगल कामनाएं। लाडली नाज़ों पली चली ससुराल गली! निभाना फेरों की रीतयही जग का चलनना रख पाए पिताकरे लाखों जतनथी अमानत पराईमेरे अँगना पलीलाडली नाज़ों पली चली ससुराल गली!  क्यू

चलो नहायें बारिश में -- बाल कविता

2 सितम्बर 2020
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चलो नहायें बारिश में लौट कहाँ फिर आ पायेगा ?ये बालापन अनमोल बड़ा ,जी भर आ भीगें पानी में झुलसाती तन धूप बड़ा ; गली - गली उतरी नदिया कागज की नाव बहायें बारिश में !चलो नहायें बारिश में !झूमें डाल- डाल गलबहियाँ, गुपचुप करलें कानाबाती करेंगे मस्ती और मनमानी सीख आज हमें ना भाती , लोट - लोट लि

गुरु वन्दना

5 जुलाई 2020
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मेरे समस्त स्नेही पाठकवृन्द को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं --- तुम कृपासिन्धु विशाल , गुरुवर ! मैं अज्ञानी , मूढ़ , वाचाल गुरूवर ! पाकर आत्मज्ञान बिसराया .छल गयी मुझको जग की माया ;मिथ्यासक्ति में डूब -डूब हुआ अंतर्मन बेहाल , गुरुवर ! तुम्हारी कृपा का अवलंबन , पाया अ

ये ठहराव जरूरी था - कोरोना काल पर चिंतन

29 मई 2020
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कितने सालों से देख रहे थे , अलसुबह भारी - भरकम बस्ते लादे- टाई- बेल्ट से लैस , चमड़े के भारी जूतों के साथ आकर्षक नीट -क्लीन ड्रेस में सजा -- विद्यालयों की तरफ भागता रुआंसा बचपन --- तो नम्बरों की दौड़ और प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिले की धुन में- आधे सोये- आधे जागते किशोर

प्रेम ना बाडी उपजे

14 फरवरी 2020
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प्रेम सदियों से मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है | हर इंसान अपने जीवन में प्रेम के अनुभव से गुजरता है | इसे प्रेम, प्यार , इश्क , स्नेह , नेह इत्यादि ना जाने कितने नामों से पुकारा गया और उतनी ही नई परिभाषाएं गढ़ी गयी |ये जब भगवान से हुआ - भक्ति कहलाया , प्रियतम से हुआ नेह कहलाया , अप्राप्य स

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