.............तो एक हिन्दू असहिष्णु कैसे हो सकता हैं , जब उसके स्वयं के आराध्य 30 साल से भी अधिक समय तिरपाल मे गुजार रहे है वो भी उस स्थान पर रामलला का प्राकट्य हुआ । इससे असहिष्णु समाज विश्व मे कही नही मिलेगा । अन्य कोई धर्म के भगवान 30 साल तिरपाल मे रहने को तो दूर 30 सेकेण्ड भी अपने भगवान को ऐसी स्थिति मे रहने नही देता । वो भी उस समाज के लोगो के लिए जिस समाज के बहुत से सम्राटो ने या तो मन्दिरो को लूटा या तुडवाया है ।
वर्तमान समय मे उनके तथाकथित लोकप्रिय सांसद श्री राम जन्मभूमि को महज भूमि के टुकड़े का विवाद करार देते है । यह उनके और उनके समाज के लिए भूमि के टुकड़े का विवाद हो सकता है लेकिन हिन्दू समाज के लिए आस्था का विषय है ।
जय श्री राम ....