भारत ने दुनिया को ऐसे बदला...
हमारे महान देश भारत ने दुनिया को बौद्ध धर्म,जैन धर्म,सिख धर्म,तेजोमहालय (ताजमहल) जैसे बहुत से उपहार दिए है!हमने ही दुनिया को संगीत के माध्यम से नृत्य करना और आनंदित होना सिखाया है,संसार को योग और आध्यात्म भी भारत की ही देन है।यह बात तो सभी को पता ही है! आज मै आप को ऐसी दस चीजे बताने जा रहा हू जिसे दुनिया को भारत ने ही दिया है लेकिन उनकी ज्यादा चर्चा नही होती मगर इन उपहारों ने दुनिया को बहुत प्रभावित किया है।दुनिया की रूप रेखा बदलने मे कारगर साबित हुए है!
1- इस नंगी दुनिया को कपास का उत्पादन करके कपडे पहनने का सलीका भारत ने ही सिखाया है!
2- संस्कृत भाषा के द्वारा दुनिया को बोलना और लिखना हमने ही सिखाया है,कुल मिलाकर शिक्षित दुनिया की नीव हमने ही संस्कृत भाषा के माध्यम से रखी है!
3- हम ही है जिन्होंने दुनिया को पहला पशु चिकित्सालय दिया था,दुनिया को जानवरो के लिए ममता,प्रेम,दया और स्नेह हमने सिखाया था!
4- सत्य भी अलग अलग व्यक्तियों के लिए अलग अलग हो सकता है,यानी कि सत्य का भ्रम? अर्थात अनेकांतवाद दुनिया को भारत की ही देन है!
5- सन 1439 मे गुटेनबर्ग ने जो पहली प्रीटींग प्रेस की शुरुआत की तो दुनिया की सबसे पहले छपने वाली पांच किताबो मे एक नाम पंचतंत्र का भी शुमार है,300 ईसा वर्ष पूर्व पंडित विष्णु शर्मा द्वारा रचित पंचतंत्र की कहानीयां इकलौती ऐसी किताब है, जिसका अनुवाद दुनिया की सभी भाषाओ मे हो चुका है।बडी बात यह है कि पंचतंत्र की नितियों को दुनिया भर के कई राजा महाराजा अपने फैसलों मे मार्गदर्शन के लिए अपनाते रहे है।
6- आर्यभट्ट ने शुन्य तो ब्रह्मा गुप्त ने अंको की खोज की थी! दुनिया को जोड-घटाना हमने पांचवी शताब्दी से ही सिखाना शुरू कर दिया था,गणित विषय को मुकम्मल हमने ही बनाया! कंप्यूटर की कल्पना भी भारतीय नंबर सिस्टम के बिना असंभव है।
7- युरोपीय देशो को नेस्तनाबूद करने वाली दमिश्क तलवार बनाने के लिए स्टील भारत से ही मुहैया कराया जाता था,इस स्टील से बनी तलवार की मजबूती और पैनेपन का राज आज तक राज ही है।
8- सन 1869 मे मेंडलीफ ने पिरीयोडिक टेबल की खोज की थी,रासायनिक तत्वो को उनके गुणो के अनुसार रखने वाले इस टेबल को संस्कृत के शब्दो का प्रयोग करके परिपूर्ण किया था,अन्यथा यह टेबल अधूरी रह जाती!
9- शरीर मे पानी की कमी(डिहाइड्रेशन)से बचाने के लिए ORS फार्मूले की खोज भारत मे ही हुई थी,1957 मे हेमेंद्र नाथ चटर्जी ने इस फार्मूले की खोज की थी लेकिन बदकिस्मती से इसका श्रेय उनको नही मिल पाया था।
10- दुनिया को दौलत से रूबरू हमने ही करवाया था, सत्रहवी शताब्दी तक दुनिया की कुल GDP का 25% हिस्सा भारत का था,अंग्रेज़ी राज मे यह हिस्सा गिर कर 4% रह गया,इस तरह सोने की चिड़िया भारत से उड गई! इस बात पर गर्व महसूस होता है कि भारत कभी सोने की चिड़िया हुआ करता था, अफसोस भी होता है कि काश भारत सोने का बाज़ होता तो यु इसके वैभव को लुटने की कोई हिम्मत न करता !! मुझे अपने देश भारत पर गर्व है..आप सभी मित्रों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई व ढेर सारी शुभकामनाये !! जय हिंद, वंदेमातरम् .......