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अनीता सैनी

17 फरवरी 2019

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 सज़ा रही जीवन गुलदस्ता ,तुम  प्रीत  फूल ले आना  ,   मधुवन महके  जीवन का , तुम पलाश बन खिल जाना |  तपन  बहुत जीवन  की ,तुम  पतझड़  में  मुस्काना , आंधी  का झोंका आये द्वार, तुम गुलमोहरी  मधुमास  सजाना  |   मायूसी    के  मोती   पहनूँ ,तुम  ख़ुशी  के तराने  गुनगुनाना ,   अकेलेपन   के   झोंकों   को , तुम  पलाश  बन  महकाना |    छूट  रहा  अनुराग  जीवन का ,तुम  माया  बन  लौट  आना ,    सपना  बन   बिखरी  यादें ,तुम पलाश  बन  खिल जाना  |                                           - अनीता सैनी 

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