अनीता सैनी
सज़ा रही जीवन गुलदस्ता ,तुम प्रीत फूल ले आना , मधुवन महके जीवन का , तुम पलाश बन खिल जाना | तपन बहुत जीवन की ,तुम पतझड़ में मुस्काना ,आंधी का झोंका आये द्वार, तुम गुलमोहरी मधुमास सजाना | मायूसी के मोती पहनूँ ,तुम ख़ुशी के तराने गुनगुनाना , अकेलेपन के झोंकों को , तुम पलाश