फूल नहीं, फूल की पंखुड़ी सही,
पूरा नहीं, थोडा ही सही.
.
.
ना दारू के चोंचले,
ना डी जे धम धम।
निर्धन सहायता,
कन्या विवाह कर,
बंधन बंधेगे हम।
पूरा ऐसा भले न कर पाएं,
कुछ तो करेंगे सब हम,
कुछ तो करेंगे सब हम।
12 फरवरी 2018
फूल नहीं, फूल की पंखुड़ी सही,
पूरा नहीं, थोडा ही सही.
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ना दारू के चोंचले,
ना डी जे धम धम।
निर्धन सहायता,
कन्या विवाह कर,
बंधन बंधेगे हम।
पूरा ऐसा भले न कर पाएं,
कुछ तो करेंगे सब हम,
कुछ तो करेंगे सब हम।
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सेवा निवृत्त बैंक कर्मी. गायन, रेडियो प्रसारण और सोशल मीडिया में भयंकर रूचि. शब्दों से खेलना और किसी भी विषय को अपनी बातों और टिप्पणी से रोचक बनाने का आत्मविश्वास. कई प्रेरक रेडियो कहानियां, YouTube पर. भगवान से प्रार्थनारत कि सदैव हो हो हा हा करता रहूँ.
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