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अार.पी.सिंह की पुस्तकें

अार.पी.सिंह के लेख

अारजू

23 अगस्त 2015
2
1

आसमान में खिले रातरानी के उस एकलौते फूल को पिरो देता महबूब के गेशू में, सभी प्रेमियों की तरह, मेरी भी आरजू है। ये जानते हुए भी कि टूट जाते हैं सभी ख्वाब पानी के बुलबुलों की तरह और शेष रह जाता है सिर्फ सिसकती हसरतों का कब्रगाह ॥ देखता हूं ख्वाब क्योंकि मर जाना है एकदि

अारजू

23 अगस्त 2015
1
0

आसमान में खिले रातरानी के उस एकलौते फूल को पिरो देता महबूब के गेशू में, सभी प्रेमियों की तरह, मेरी भी आरजू है। ये जानते हुए भी कि टूट जाते हैं सभी ख्वाब पानी के बुलबुलों की तरह और शेष रह जाता है सिर्फ सिसकती हसरतों का कब्रगाह ॥ देखता हूं ख्वाब क्योंकि मर जाना है एकदि

अारजू

23 अगस्त 2015
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आसमान में खिले रातरानी के उस एकलौते फूल को पिरो देता महबूब के गेशू में, सभी प्रेमियों की तरह, मेरी भी आरजू है। ये जानते हुए भी कि टूट जाते हैं सभी ख्वाब पानी के बुलबुलों की तरह और शेष रह जाता है सिर्फ सिसकती हसरतों का कब्रगाह ॥ देखता हूं ख्वाब क्योंकि मर जाना है एकदि

अारजू

23 अगस्त 2015
1
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आसमान में खिले रातरानी के उस एकलौते फूल को पिरो देता महबूब के गेशू में, सभी प्रेमियों की तरह, मेरी भी आरजू है। ये जानते हुए भी कि टूट जाते हैं सभी ख्वाब पानी के बुलबुलों की तरह और शेष रह जाता है सिर्फ सिसकती हसरतों का कब्रगाह ॥ देखता हूं ख्वाब क्योंकि मर जाना है एकदि

एक चाह

22 अगस्त 2015
1
0

चाहता हूं भर लूं सांसों में खुशबू तुम्हारी सांसों की। जिससे करीब न होने पर भी एहसास होता रहे तुम्हारे होने का।। मेरे जिस्म का हरेक कतरा दिल में जज्ब कर लेना चाहे ।

एक चाह

22 अगस्त 2015
1
0

चाहता हूं भर लूं सांसों में खुशबू तुम्हारी सांसों की। जिससे करीब न होने पर भी एहसास होता रहे होने।। मेरे जिस्म का हरेक कतरा दिल में जज्ब कर लेना चाहे ।

एक चाह

22 अगस्त 2015
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चाहता हूं भर लूं सांसों में खुशबू तुम्हारी सांसों की। जिससे करीब न होने पर भी एहसास होता रहे तुम्हारे होने का।। मेरे जिस्म का हरेक कतरा दिल में जज्ब कर लेना चाहे ।

एक चाह

22 अगस्त 2015
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चाहता हूं भर लूं सांसों में खुशबू तुम्हारी सांसों की। जिससे करीब न होने पर भी एहसास होता रहे तुम्हारे होने का।। मेरे जिस्म का हरेक कतरा दिल में जज्ब कर लेना चाहे ।

एक चाह

22 अगस्त 2015
1
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चाहता हूं भर लूं सांसों में खुशबू तुम्हारी सांसों की। जिससे करीब न होने पर भी एहसास होता रहे तुम्हारे होने का।। मेरे जिस्म का हरेक कतरा दिल में जज्ब कर लेना चाहे ।

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