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अच्छी बातें

28 जनवरी 2015

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आंखों मे आंसू आप के कर्मो से मिलते हैं... प्रभु से शिकायत करना अपनी मूर्खता है..! ☆☆☆ पाप करते वक्त पीठ थपथपाने वाले बहुत मिलेंगे..,पर उसके परिणाम अकेले को ही भुगतने पडेंगे...! ☆☆☆ बोलने से पहले लफ्ज इंसान के गुलाम होते है... लेकिन बोलने के बाद इंसान लफ्ज का गुलाम बन जाता है....! ☆☆☆ पके हुए फल की तीन पहचान होती हैं... एक तो वह नर्म हो जाता है, दूसरे वह मीठा हो जाता है, तीसरे उसका रंग बदल जाता है...l जिसमें ये लक्षण ना हों, वह कभी पका हुआ नहीं हो सकता है...! इसी तरह से परिपक्व व्यक्ति की भी तीन पहचान होती हैं...l पहली उसमें नम्रता होती है.., दूसरे उसकी वाणी में मिठास होता है.., और तीसरे उसके चेहरे पर आत्मविश्वास का रंग होता है...! ☆☆☆ हम चाहे कितने भी वाहनों से सफर करें..., लेकिन घर के अंदर अपने पैरों से न आएँ तो मरीज कहलाते है...! इसी तरह से साधन चाहे कोई भी हो..., हमारी साधना से ही हम भीतर में जाते है...! ☆☆☆
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मुल्क से मोहब्बत

27 जनवरी 2015
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बहक जाने दो मुझे मेरे मुल्क की मोहब्बत में, ये वो नशा है जो मेरे सर से कभी उतरता नहीं ...!! जय हिन्द आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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किस रावण की काटूं बाहें

27 जनवरी 2015
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किस रावण की काटूं बाहें, किस लंका को आग लगाऊँ..! घर घर रावण पग पग लंका, इतने राम कहाँ से लाऊँ..,!!! नफरतों का असर देखो, जानवरों का बटंवारा हो गया, गाय हिन्दू हो गयी; और बकरा मुसलमान हो गया. मंदिरो मे हिंदू देखे, मस्जिदो में मुसलमान, शाम को जब मयखाने गया; तब जाकर दिखे इन्सान. ये पेड़ ये पत्ते ये

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अच्छी बातें

28 जनवरी 2015
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आंखों मे आंसू आप के कर्मो से मिलते हैं... प्रभु से शिकायत करना अपनी मूर्खता है..! ☆☆☆ पाप करते वक्त पीठ थपथपाने वाले बहुत मिलेंगे..,पर उसके परिणाम अकेले को ही भुगतने पडेंगे...! ☆☆☆ बोलने से पहले लफ्ज इंसान के गुलाम होते है... लेकिन बोलने के बाद इंसान लफ्ज का गुलाम बन जाता है....! ☆☆☆ पके हुए फल की

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