मुलाकात
कहते है वक्त कैसे गुज़र जाता है पता ही नहीं चलता ...हॉ शायद यह बात सही भी है। अपनी उम्र के २२वें पडाव में जब में कदम रख रही थी तब मुझे न जाने यूहीं मन किया कि नानीजी से मिल आऊ । मुझे देख शायद इस पूरी में दुनिया कोइ इतना खुश ना होता होगा जितन वो हुई। मुझे आज भी याद है कि किस तरह अपनी पुरी ३ महि