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नमो प्रकृति 🌹🙏🙏🌹

18 फरवरी 2022

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हमें नहीं किसी मान सम्मान की तमन्ना है।
बस आदमी से इंसान बनने की तमन्ना है।
मैं वो नहीं जो तुम हो , तुम वो नहीं जो मैं हूँ !
हर शख्स अलग है दुनिया में, ये तो सब जानते हैं !
पर फिर भी सब दूसरों को अपने जैसा बनाना चाहते हैं !!
मैं पुरुष हूं....हां मुझ में पौरुष है ,
जब किसी के पौरुष से समाज कलंकित होता है तब मुझे पुरुष होने पर शर्मिंदगी होती है।
मैं आज के दिन को बेहतर‌ स्त्री-पुरुष संबंध के द्वारा सुंदर संसार के निर्माण में लगाने का दृढ़ निश्चय करने के अवसर के रूप में लेता हूं।।
प्रियवर प्रीत राह पर हम-तुम साथी, गीत नया हम गाएँगे।
साथ अगर प्रियवर तुम हो तो, राग मधुर बरसाएँगे।।
शब्दों का अंतरा संग लें,भावों का हो पूर्ण समर्पण।
अपनी सुधियों की अंजलि भर कर दूँ प्रियवर तुमको अर्पण।।
मधुर प्रणय रस तुम्हें पिलाकर, हम तुम में खो जाएँगे।
साथ अगर प्रियवर तुम हो तो, राग मधुर बरसाएँगे।।
कुसुम-कुसुम पर भृमर घूमते, कलियों के रस-घट पी जाने।
हम प्रेमी हैं सुधा पिलाएँ, नयन झील से इसी बहाने।।
मन के उपवन में तब साथी, नव पल्लव सरसाएँगे।।
साथ अगर प्रियवर तुम हो तो, राग मधुर बरसाएँगे।।
प्यारा होगा जीवन सारा, हम साथी होंगे मतवाले।
मधुर मिलन की आस जगाकर, प्रियवर तुमने डोरे डाले।।
सात जन्म की एक जन्म में, तुमसे प्रीति निभाएंगे।
साथ अगर प्रियवर तुम हो तो, राग मधुर बिखराएँगे।।
                   🌹🌹नमो प्रकृति 🙏🌹🌹

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रचनाएँ
Ram की डायरी
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मनुष्य के पास सबसे बड़ी पूंजी अच्छे विचार हैं! क्योंकि धन और बल किसी को भी गलत राह पर ले जा सकते हैं, किन्तु अच्छे विचार सदैव अच्छे कार्यो के लिए ही प्रेरित करेंगे!
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मानवता का परिचय ही शानदार जीवन है

18 फरवरी 2022
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नफ़रत का कोई भी धर्म नहीं होता।बिना प्रेम किए कोई अमर नहीं होता।मुद्दों की बात उठाना स्वभाव है हमारी कलम का,सब कुछ देखते हुए आँखें बंद नहीं कर सकती।फर्क नहीं पड़ता कितनों को पसंद आये न आये,पर हक़ीक़त

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नमो प्रकृति

18 फरवरी 2022
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कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,फिर ढूँढा उसे इधर उधर वो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी,एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार,वो सहला के मुझे सुला रही थी &nbsp

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नमो प्रकृति

18 फरवरी 2022
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ऐसी शिक्षा और संस्कारों का कोई फ़ायदा नहीं जहाँ, इंसानियत नहीं सिखायी जाती। बिना इंनसानियत के इंसान होने की परिभाषा हमें तो बिल्कुल समझ नहीं आती।

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नमो प्रकृति 🌹🙏🙏🌹

18 फरवरी 2022
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मैं बहुत सीमित हूँ, अपने शब्दों में..!लेकिन बहुत विस्तृत हूं, अपने अर्थों में...!! मनुष्य को अपने जीवन में अनेकों उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। सुख दुःख की भुलभुलैया से कई प्रकार का स्वाद चखता ह

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नमो प्रकृति 🌹🙏🙏🌹

18 फरवरी 2022
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अजीब दुनिया हो गयी है , कुछ कह दो तो सवाल कर देती है और अगर खामोश हो तो खुश रहती है !!प्रकृति एक ऐसी किताब है जिसमें लिखा सब कुछ है लेकिन पढ़ा कुछ भी नहीं सिर्फ महसूस किया जाता है!!कभी कभी लगता है झूठ

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नमो प्रकृति 🌹🙏🙏🌹

18 फरवरी 2022
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जीवन की कड़ी दो मिनिट कृपया बिना रोए पढ़ें👇अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है।राजा की तरह जीने और आज दुनिया में अपना सिर ऊंचा रखने के लिए अपनी पत्नी का शुक्रिया।आपकी सुविधा असुविधा आपके बिना कारण क

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नमो प्रकृति 🌹🙏🙏🌹

18 फरवरी 2022
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हमें नहीं किसी मान सम्मान की तमन्ना है।बस आदमी से इंसान बनने की तमन्ना है।मैं वो नहीं जो तुम हो , तुम वो नहीं जो मैं हूँ !हर शख्स अलग है दुनिया में, ये तो सब जानते हैं !पर फिर भी सब दूसरों को अपने जैस

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