18 फरवरी 2022
1 फ़ॉलोअर्स
हमें नहीं किसी मान सम्मान की तमन्ना है। बस आदमी से इंसान बनने की तमन्ना है।।D
नफ़रत का कोई भी धर्म नहीं होता।बिना प्रेम किए कोई अमर नहीं होता।मुद्दों की बात उठाना स्वभाव है हमारी कलम का,सब कुछ देखते हुए आँखें बंद नहीं कर सकती।फर्क नहीं पड़ता कितनों को पसंद आये न आये,पर हक़ीक़त
कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,फिर ढूँढा उसे इधर उधर वो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी,एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार,वो सहला के मुझे सुला रही थी  
ऐसी शिक्षा और संस्कारों का कोई फ़ायदा नहीं जहाँ, इंसानियत नहीं सिखायी जाती। बिना इंनसानियत के इंसान होने की परिभाषा हमें तो बिल्कुल समझ नहीं आती।
मैं बहुत सीमित हूँ, अपने शब्दों में..!लेकिन बहुत विस्तृत हूं, अपने अर्थों में...!! मनुष्य को अपने जीवन में अनेकों उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। सुख दुःख की भुलभुलैया से कई प्रकार का स्वाद चखता ह
अजीब दुनिया हो गयी है , कुछ कह दो तो सवाल कर देती है और अगर खामोश हो तो खुश रहती है !!प्रकृति एक ऐसी किताब है जिसमें लिखा सब कुछ है लेकिन पढ़ा कुछ भी नहीं सिर्फ महसूस किया जाता है!!कभी कभी लगता है झूठ
जीवन की कड़ी दो मिनिट कृपया बिना रोए पढ़ें👇अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है।राजा की तरह जीने और आज दुनिया में अपना सिर ऊंचा रखने के लिए अपनी पत्नी का शुक्रिया।आपकी सुविधा असुविधा आपके बिना कारण क
हमें नहीं किसी मान सम्मान की तमन्ना है।बस आदमी से इंसान बनने की तमन्ना है।मैं वो नहीं जो तुम हो , तुम वो नहीं जो मैं हूँ !हर शख्स अलग है दुनिया में, ये तो सब जानते हैं !पर फिर भी सब दूसरों को अपने जैस