प्राचार्य,कवि विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन
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<p><br></p> <p><br></p> <p><br></p> <p>पक्षी ने </p> <p>अपने कमजोर होते </p> <p>टूटते पंख
<p>कुछ 'लोग' हैं</p> <p>कुछ 'रिश्ते' हैं</p> <p>मैंने दोनों को</p> <p>अलग-अलग ढूँढा</p> <p>सभी रिश्त
<p>शब्द की गहराई</p> <p>अथाह होती है</p> <p>समा जाती हैं</p> <p>सारी चीजें</p> <p>इन शब्दों में।</p>