मुझे तब - तब सुकून मिला , मैंने जब - जब खुद से इश्क़ किया।।
निःशुल्क
सुनो,<div>जब-जब तारा टूटता है मैं उसकी उतरती हुई चाल में तुम्हें तलाशता हूं। इसलिए नहीं कि तुम्हें आ
<div align="left"><p dir="ltr"><b>।।एक बारिश मुझमें भी है।।</b></p> <p dir="ltr"><i><b>जो सबके जेहन