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1 किताब
मैं जाती हूँ जब तुम्हारे विस्मृत पथों पर घन बन बरसने लगती स्मृति भीग भीग मैं जाती हृदय के तार बज उठते जब तुम गाते थे मेरे साथ अश्रु बहने लगते नीरवता छा जाती तुम