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हम अपना दर्द किसी को कहते नही

17 अगस्त 2016

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हम अपना दर्द किसी को कहते नही, 

वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही, 

आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे, 

क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही.. 


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बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

7 अगस्त 2015
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जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला. जब मैंने अपने मन में झाँक कर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा कोई नहीं है.

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स्स्स

28 दिसम्बर 2015
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स्स्स्स्स 

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पप्पू

7 मई 2016
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उड़ा भी दो सारी रंजिशें इन हवाओं में यारो

16 अगस्त 2016
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उड़ा भी दो सारी रंजिशें इन हवाओं में यारो, छोटी सी जिंदगी है नफ़रत कब तक करोगे, घमंड न करना जिन्दगी मे तकदीर बदलती रहती है, शीशा वही रहता है बस तस्वीर बदलती रहती है.. 

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हम अपना दर्द किसी को कहते नही

17 अगस्त 2016
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हम अपना दर्द किसी को कहते नही, वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही, आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे, क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही.. 

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