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अप्सरा

27 जनवरी 2022

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काले बादल की शान बनी तेरी ज़ुल्फो से है शाम ढली,

तेरे नज़रो से जो तीर चले उन से है सुनसान गली,

चाँद किनारे तारा हो कुछ यूं बैठा है तिल तेरे गाल पर

छांट छांट के शब्द लिखू तुझे दिए रब के हुस्न कमाल पर।


शहद को मिठास मिले तेरी मीठे बोल रसीले से,

तेरी बातो से है रस टपके जैसे कोयल बोले बोल सुरीले से,

तेरे होठो से ही मिलता है गुलाब को रंग उधार पर,

छांट छांट के शब्द लिखू तुझे रब के दिए हुस्न कमाल पर।


तेरी चाल से लिया है लगता नदियों ने बहने का तरीका,

तेरे से सीखा है लगता इश्क़ ने दिल चोरी का सलीका।

हरे सूट पर चाँदी के झुमके मानो गिरती हो बर्फ घास पर

छांट छांट के शब्द लिखू तुझे रब के दिए हुस्न कमाल पर।


तेरे आगे ना किसी की एक चले घुटनो के बल पड़े ढेर मिले,

प्रेम शिकारी बड़े बड़े आसानी फसे  रंग रूप में फेर मिले

"श्याम" कलम करे नाम तेरे अगर किनारे मिले इश्क़ तालाब पर

अप्सरा छांट छांट के शब्द लिखू तुझे रब के दिए हुस्न कमाल पर।

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