27 जनवरी 2022
काले बादल की शान बनी तेरी ज़ुल्फो से है शाम ढली, तेरे नज़रो से जो तीर चले उन से है सुनसान गली, चाँद किनारे तारा हो कुछ यूं बैठा है तिल तेरे गाल पर छांट छांट के शब्द लिखू तुझे दिए रब के हुस्न कमाल पर।