Arun Suyash
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पानी ने लौटाई खुशहाली
27 जून 2018
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इक ख्वाहिश अधूरी है जाने कब होगी पूरी, खोएंगे हम दोनों इक-दूजे में मिट जाएगी ये दूरी।। जीवन का आनंद बहुत उठाना है या फिर जीना है या मर जाना है, कुछ याद नहीं कुछ फ़रियाद नहीं कुछ सुनना है या कुछ कह जाना है।। बिखरे लम्हों को जो समेट सके ऐसा कोई लम्हा मिल जाए, अपनों को अपनों से मिला सके ऐसा कोई अपना मिल जाए।।
21 जून 2018
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4 अप्रैल 2018
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सफ़र
30 मार्च 2018
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उस दिन
30 मार्च 2018
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इश्क में पड़ गये
24 मार्च 2018
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दीदार-ए-मोहब्बत
23 मार्च 2018
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ओ मेरे महबूब तेरा शुक्रिया
21 मार्च 2018
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मेरे महबूब तेरा शुक्रिया.....
21 मार्च 2018
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