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Ashvini Kumar Mishra के बारे में

दोस्तों, मेरा नाम अश्विनी कुमार मिश्रा (Ashvini Kumar Mishra) है। मेरा मूल निवास इंदौर मध्यप्रदेश है। मैने कॉमर्स में ग्रेजुएशन वैष्णव कॉमर्स कॉलेज, देवि अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से किया है। वर्तमान में परिवार सहित राऊ, इंदौर में रहता हूँ। इंदौर में ही छोटा सा बिज़नेस है। मुझे जब भी समय मिलता है- घर में मोबाइल खोलकर लिखने बैठ जाता हूँ।

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Ashvini Kumar Mishra की पुस्तकें

Ashvini Kumar Mishra की डायरी

Ashvini Kumar Mishra की डायरी

मैं शायर नही फिर भी थोड़ा बहुत लिख लेता हूँ । आप लोगो का मार्गदर्शन चाहता हूँ ताकि भविष्य में और अच्छा लिख सकु ।

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Ashvini

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मैं शायर नही कवि नहीलेखक नहीबस थोड़ा लिख लेता हूंअश्विनी कुमार मिश्राइंदौर9826098661

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Ashvini

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<p>मैं शायर नही </p><p>कवि नही</p><p>लेखक नही</p><p>बस थोड़ा लिख लेता हूं</p><p>अश्विनी कुमार मिश्रा</p><p>इंदौर</p><p>9826098661</p>

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Ashvini Kumar Mishra के लेख

जिंदगी

1 अगस्त 2022
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जिंदगी तुम्हे आजमाएंगी दिलों के इरादों को आजमाएंगी मत गिरना टूटना हार कर जिंदगी तुम्हें जीना भी सिखाएंगी -अश्विनी कुमार मिश्रा

बचपन

30 जुलाई 2022
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चलो बचपन जीते है फिर मिलकर हँसते है फिक्र की कोई बात नही उस कल को फिर जीते है नादानी हो जहाँ बेफिक्र हो कर जीते है चलो बचपन जीते है न कुछ पाने की इच्छा न कुछ खोने का डर बोलते थे झूठ लेकिन लग

गलतफहमी

12 नवम्बर 2021
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<p>तुमने कभी चाहा था मुझको</p> <p>इस गलतफहमी में</p> <p>जिंदगी गुजार दी हमने</p> <p>तुम्हें तो बस बह

लम्हों

9 नवम्बर 2021
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<p>ऐ लम्हों थम जाओ जरा</p> <p>एक बात जो दिल में है मेरे</p> <p>बतानी है तुमको आज</p> <p>न जाने कब उस

तन्हा

6 नवम्बर 2021
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<p>आज तन्हा हूँ मैं</p> <p>तो कोई गम नही</p> <p>तू याद इतना भी ना आ</p> <p>कि जब होश आये मुझको</p> <

दिल

12 अक्टूबर 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d448c42f7ed561c89

बहाने

8 अक्टूबर 2021
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<p>रूठना मनाना तो</p> <p>ज़िन्दगी में चलता रहता है</p> <p>हम रूठे भी तो किसके बहाने रूठे</p> <figure>

रूठना

7 अक्टूबर 2021
7
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<p>सच कहूँ तो</p> <p>एक नाजुक सा रिश्ता है </p> <p>तेरे मेरे दरम्यान</p> <p>क्यों नाराज होते हो

माँ

25 सितम्बर 2021
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<p>✒✒अश्विनी कुमार मिश्रा की कलम✒✒</p> <p><br></p> <p>"माँ"</p> <p>वो कई रंगों को मिलाकर</p> <p>मेरे

वक़्त

25 सितम्बर 2021
4
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<p>✒✒अश्विनी कुमार मिश्रा की कलम✒✒</p> <p><br></p> <p>गुज़रे हुए वक़्त को हम भी ढूंढते हैं</p> <p>मगर

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